भगवान श्री कृष्ण की लीलाओं के धाम वृंदावन की यात्रा, मथुरा वृंदावन यात्रा – 2

 

Vrindavan Tourist Places In Hindi

Key Highlights

वृन्दावन में घूमने की जगह

 

वृंदावन क्यों प्रसिद्ध है?

राधे राधे, जय श्री कृष्णा – भारत के प्रमुख स्थानों में से एक वृन्दावन को हजारों वर्षों से भी ब्रज भूमि या ‘अनंत प्रेम की धरती’ की तरह पूजा जाता है। भगवान श्री कृष्ण ने अपना बचपन वृन्दावन में ही बिताया था। वृन्दावन के हर घर में राधा कृष्ण की छवि अंकित है। यहाँ के  हर कण में राधे कृष्ण बसे है। इस पवित्र धरती पर भगवान कृष्ण ने कई लीलाएं की थी। जन्माष्टमी के समय यहाँ के मंदिरों की अलौकिक सजावट और श्री कृष्ण की लीलाओं को दिखाती झांकियों को देखकर मन भक्ति रस में डूब जाता है। आज हम आपको राधे-कृष्ण की नगरी वृंदावन धाम की यात्रा और वृंदावन धाम घूमने की सम्पूर्ण जानकारी देते है।

 

वृन्दावन कैसे पहुंचे?

दिल्ली से वृन्दावन की दूरी लगभग 165 किलोमीटर है, जहाँ आप विभिन्न साधनों से पहुंच सकते हैं।

फ्लाइट से वृन्दावन से कैसे पहुँचे?

वृन्दावन में कोई एयरपोर्ट उपलब्ध नहीं है, वृन्दावन का निकटतम एयरपोर्ट आगरा में है। आगरा से वृन्दावन की दूरी करीब 76 किलोमीटर है। आगरा में बहुत कम फ्लाइट संचालित होती है, इसलिए दूसरा विकल्प दिल्ली में स्थित इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा है। यहाँ आपको भारत या विदेश से आसानी से फ्लाइट उपलब्ध हो जाएगी। इसके बाद आप दिल्ली से वृन्दावन बस, टैक्सी या ट्रेन की मदद से पहुंच सकते हैं।

रेल मार्ग से वृन्दावन कैसे पहुँचे?

वृन्दावन पहुचने के लिए पहले हमें मथुरा जंक्शन आना होगा। देश की ज्यादातर ट्रेनें मथुरा रेल्वे जंक्शन में रुकती हैं। इसके अलावा मथुरा कैंट और भूतेश्वर रेल्वे स्टेशन अन्य रेलवे स्टेशन है। आपको मथुरा रेल्वे जंक्शन में ही उतरना है। रेल्वे स्टेशन से वृन्दावन तक पहुंचने के लिए टैक्सी, ऑटो, बस आसानी से उपलब्ध हैं।

सड़क मार्ग या बस से वृन्दावन कैसे जाएँ?

वृन्दावन जाने के किये अपनी कार या निजी वाहन एक अच्छा विकल्प है। दिल्ली, आगरा और भारत के अन्य शहरों से वृन्दावन तक लक्जरी बसें, कैब्स और निजी टैक्सी सेवाएं आसानी से उपलब्ध हैं। उत्तर प्रदेश राज्य वृन्दावन के लिए लगभग 120 बसें चलाता है। राजस्थान, हरियाणा, मध्य प्रदेश, डीटीसी, चंडीगढ़ और पंजाब राज्य परिवहन बस कंपनियों द्वारा बस सेवा उपलब्ध है।

मथुरा से वृन्दावन कैसे पहुंचे?

मथुरा से वृंदावन टैक्सी से यात्रा

मथुरा से वृंदावन की दूरी मात्र 15 किलोमीटर है। टैक्सी द्वारा मथुरा से वृंदावन जाने में लगभग आधा घंटा लगता है और टैक्सी का किराया 250-300 के बीच लगता है।

ऑटो रिक्शा द्वारा मथुरा से वृंदावन यात्रा

टैक्सियों की तुलना में ऑटो रिक्शा का किराया लगभग आधा हैं, पर मथुरा से वृंदावन जाने में लगभग 45-60 मिनट लग जाते हैं। स्वतंत्र रूप से ऑटो का किराया 100 -150 है। यदि आप शेयर ऑटो से जाते है, तो उसका किराया 20 रुपये प्रति सवारी लगता है।

मथुरा और वृंदावन के बीच मीटर गेज ट्रेन

मथुरा और वृंदावन के मध्य मीटर गेज (छोटी लाइन) भी उपलब्घ हैं। मथुरा से वृन्दावन जाने वाली ट्रैन का समय सुबह 6.35, 8.55 और दोपहर 3.20 है और वृन्दावन से मथुरा जाने वाली ट्रैन का समय सुबह 7.25 , 9.25 और दोपहर 4 .45 का है। इस सफ़र में  लगभग आधे घंटे का समय लगता है।

 

वृंदावन जाने का सबसे अच्छा समय

आप साल में किसी भी समय वृंदावन धाम दर्शन करने के लिए जा सकते है क्योकि भगवान श्री कृष्ण के दर्शन के लिए हर समय अच्छा होता है। मौसम के अनुसार वृंदावन घूमने के लिए अक्टूबर से मार्च के महीनों में वातावरण अच्छा होता हैं। इन दिनों में वृंदावन का मौसम सौम्य और सुखद होता है। यदि आप उत्सव का आनंद लेना चाहते है, तो होली के समय, जन्माष्टमी के समय और राधा अष्टमी के समय यहां उत्सव मनाया जाता है। इस उत्सवों में सम्मलित होना अपने आप में एक सुखद अहसास है।

 

वृंदावन में कहाँ ठहरे?

वृंदावन में रुकने के लिए प्रेम मंदिर रोड पर और Iskcon मंदिर के पास कई आश्रम, विश्राम गृह, होटल और धर्मशालाएं बनी है। धर्मशालाओं में 200-500 रूपये तक कमरा मिल जाते है और प्राइवेट होटल में भी रु.500 से 5000 तक AC और Non AC कमरे मिल जाते है।

वृंदावन में धर्मशालाओं की जानकारी, अच्छी और सस्ती धर्मशाला

 

वृंदावन धाम का इतिहास

वृंदावन धाम पौराणिक काल से भारतीय संस्कृति और इतिहास से जुड़ा है। संत वल्लभाचार्य 11 वर्ष की उम्र में वृंदावन आये थे। वृन्दावन में वे साल में 4 महीने रुकते थे। उन्होंने नंगे पांव जाकर भारत के कई स्थानों पर भगवद गीता का प्रवचन दिया।

16 वीं शताब्दी तक वृंदावन का सार विलुप्त होने लगा था। तब चैतन्य महाप्रभु ने 1515 में भगवान श्रीकृष्ण के पारलौकिक अतीत से जुड़े खोए हुए पवित्र स्थानों का पता लगाने के उद्देश्य से वृंदावन की यात्रा की। भगवान कृष्ण की दिव्य भक्ति और आध्यात्मिक शक्ति के द्वारा, वे कृष्ण के अतीत से जुड़े सभी महत्वपूर्ण स्थानों का पता लगाने में सफल हुए। इसके बाद कृष्ण भक्त मीराबाई भी मेवाड़ राज्य छोड़कर वृंदावन आ कर बस गई थीं। उनके भजन पूरे विश्व में प्रसिद्ध हुए।

 

वृंदावन के प्रसिद्ध मंदिर और वृंदावन के दर्शनीय स्थल

Vrindavan Places To Visit In Hindi

बांके बिहारी मंदिर वृंदावन

बांके बिहारी मंदिर वृंदावन के पर्यटन स्थलों में सबसे लोकप्रिय मंदिर है। राजस्थानी शैली में बने इस मंदिर में श्री बांके बिहारीजी की प्रतिमा में राधा कृष्ण की संयुक्त छवि के अलौकिक दर्शन होते है। श्री बांके बिहारीजी के आकर्षण और सुंदरता के कारण ही इस मंदिर में उनके निरंतर दर्शन कभी भी नहीं होते। उनकी मनमोहक छवि के सामने थोड़ी थोड़ी देर में परदे खींचे जाते है क्योकि यदि कोई भक्त सच्चे ह्रदय से उनसे नज़रे मिला लेते है, तो वे उसके साथ ही चले जाते है। दर्शन करते समय भगवान श्री कृष्ण की इस छवि को अपने अंतरमन में उतार  लीजिये, ताकि जब भी भगवान के दर्शन करना हो, तो आँखे बंद करने से ही उनके दर्शन हो जाएँ।

बांके बिहारी मंदिर खुलने का समय:

गर्मियों में( 7:45 प्रातः से 12:00, 5:30 सायं से 9:30 सायं)

सर्दियों में( 8:45 प्रातः से 1:00 प्रातः तथा 4:30 सायं से 8:30 सायं)

 

राधावल्लभ मंदिर वृंदावन

वृन्दावन के प्रसिद्ध मंदिरों में एक राधावल्लभ मंदिर में राधा और कृष्ण के दुर्लभ दर्शन होते हैं। यहाँ राधा में कृष्ण और कृष्ण में राधा समाये हुए है। उनकी छवि के आधे हिस्से में श्री राधा और आधे में श्री कृष्ण दिखाई देते हैं। यदि आप सारे पाप कर्मों को त्याग कर निष्कपट होकर सच्चे मन के साथ श्री राधावल्लभ मंदिर में प्रवेश करते है, तो भगवान आप पर प्रसन्न होते हैं और उनके दुर्लभ दर्शन आपके लिये सुलभ हो जाते हैं।

प्राचीन कल में आत्मदेव नाम के ब्राह्मण भगवान विष्णु के उपासक थे। एक बार उन्होंने भगवान शिव के दर्शन पाने की से भगवान शिव का कठोर तप किया। भगवान भोलेनाथ ने उनके कठोर तप को देखकर वरदान मांगने को कहा। ब्राह्मण आत्मदेव तो बस भगवान शिव के दर्शन करना चाहते थे। तो उन्होंने वरदान भगवान शिव पर ही छोड़ दिया। तब भगवान शिव ने ह्रदय के सबसे प्रिय राधावल्लभलाल को प्रकट किया तथा उनकी पूजा व सेवा करने की विधि भी बताई। ब्राह्मण आत्मदेव के बाद महाप्रभु हरिवंश, भगवान की आज्ञा से उन्हें वृंदावन लेकर आये और उन्हें स्थापित कर राधावल्लभ मंदिर का निर्माण किया।

 

 प्रेम मंदिर वृंदावन

वृंदावन के आकर्षक स्थलों में सबसे भव्य प्रेम मंदिर में 54 एकड़ में बना है, जो 125 फुट ऊंचा, 122 फुट लंबा और 115 फुट चौड़ा है। इस अद्भुद मंदिर को हरियाली भरे बगीचे, फव्वारे और श्रीगोवर्धन धारण लीला, कालिया नाग दमन लीला, झूलन लीलाओं एवं राधा-कृष्ण की मनोहर झांकियां से सजाया गया हैं। यहां संगमरमर की दुधिया चिकनी पट्टियों पर श्री राधा गोविंद के सरल दोहे लिखे गए हैं, जिससे इन्हें भक्त आसानी से पढ़ और समझ सकें।

मंदिर की बाहरी दीवारों पर कुब्जा का उद्धार, कंस का वध, देवकी और वसुदेव की कारावास से मुक्ति, सान्दीपनी मुनि के आश्रम में कृष्ण-बलराम का विद्याध्ययन, रानी रुक्मिणी-हरण, सोलह हजार एक सौ आठ रानियों का वर्णन, नारद जी द्वारा श्रीकृष्ण की गृहस्थावस्था के दर्शन, श्रीकृष्ण का अपने अश्रुओं द्वारा सुदामा के चरण पखारना, सुदामा एवं उनके परिवार का एक रात्रि में काया-पलट, कुरुक्षेत्र में श्रीकृष्ण का गोपियों से पुनर्मिलन, रुक्मिणी आदि द्वारिका की रानियों का श्रीराधा एवं गोपियों के साथ मिलन, श्रीकृष्ण द्वारा उद्धव को अंतिम उपदेश एवं दर्शन तत्पश्चात स्वधाम-गमन आदि लीलाएं का अविस्मर्णीय खूबसूरत चित्रण किया गया हैं।

नोट:- आप यहाँ शाम को 5 बजे आयें, ताकि दिन और रात दोनों समय की ख़ूबसूरत द्रश्यों का आनंद ले सकें।

प्रेम मंदिर वृन्दावन दर्शन समय (Timings)

ग्रीष्मकाल – सुबह : 08:30 से 12:00 तक, शाम : 04:30 से 08:30 तक

शीतकाल – सुबह : 08:30 से 12:00, शाम : 04:30 से 08:30 तक

 

निधिवन, वृन्दावन

वृन्दावन के लोकप्रिय स्थलों में निधिवन एक अत्यन्त पवित्र तथा रहस्यमयी धार्मिक स्थान है। प्रतिदिन अर्द्धरात्रि के बाद निधिवन में भगवान श्रीकृष्ण एवं श्रीराधा रास रचाते हैं। रासलीला के बाद निधिवन परिसर में स्थापित रंग महल में शयन करते हैं। रंग महल में चंदन की पलंग को शाम सात बजे के पहले ही पूरी तरह सजा दिया जाता है। पलंग के पास राधाजी के श्रृंगार का सामान, एक लोटा पानी और दातुन संग मीठा पान रख दिया जाता है। सुबह होने पर पांच बजे जब रंग महल का दरवाजा खोला जाता है, तो बिस्तर अस्त-व्यस्त मिलता है, लोटे का पानी खाली होता है, दातुन कुची हुई नजर आती है और पान खाया हुआ मिलता है।

वृंदावन में सबसे ज्यादा बंदर है पर शाम होते ही बंदर ही नहीं बल्कि कोई भी जीव जंतु यहां दिखाई नहीं देता है। जो भी यहाँ रात में रुकता है, वो 24 घंटे से ज्यादा जिंदा नहीं रह पाता है और अंधा, गूंगा, बहरा, पागल या उन्मादी हो जाता है। दो-ढ़ाई एकड़ में फैले इस निधिवन के वृक्षों की डालियां नीचे की ओर झुकी तथा आपस में गुंथी हुई हैं। ऐसी मान्यता है कि निधिवन की सारी लताये गोपियां है। जो एक दूसरे कि बाहों में बाहें डाले खड़ी है। जब आधी रात को निधिवन में राधा रानी जी, कृष्ण जी के साथ रास लीला करती है। तो ये लताएं गोपियां बन कर रासलीला में सम्मलित हो जाती है।

 

इस्कॉन मंदिर वृंदावन

वृन्दावन की घूमने लायक जगहों में सन 1975 में बना इस्कान मंदिर महत्वपूर्ण स्थान रखता है। इस मंदिर को को श्री कृष्ण बलराम मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। लगभग 5000 वर्ष पहले भगवान कृष्ण और बलराम जिस स्थान पर दूसरे बच्चों के साथ खेला करते थे। ठीक उसी जगह पर इस मंदिर का निर्माण किया गया है। इस मंदिर को कई प्रकार की सुंदर चित्रकारी से सजाया गया है। मंदिर की दीवारों पर खूबसूरत नक्काशी और पेंटिंग की गई है। इन पेंटिंग में भगवान कृष्ण की शिक्षा का वर्णन किया गया है। इस मंदिर में हरे राम हरे कृष्ण का भजन गाते और नृत्य करते हुए कई विदेशी लोग दिखते है, इसलिए इसे अंग्रेजों का मंदिर भी कहते है।

 

पागल बाबा मंदिर वृन्दावन

इस मंदिर की कथा के अनुसार एक बार बांके बिहारी खुद अपने भक्त के लिए गवाही देने के लिए कोर्ट चले आए थे। इस मंदिर की कहानी इस प्रकार है कि बांके बिहारी के गरीब भक्त ने एक महाजन से कुछ रुपए उधार लिए और हर महीने उसे थोड़ा-थोड़ा करके चुकता करता गया। अंतिम किश्त जमा होने से पहले महाजन ने उस गरीब भक्त को उसे अदालती नोटिस भेज दिया। अदालत में जज ने पूछा कोई गवाह है, जिसके सामने तुम महाजन को पैसा देते थे। तब ब्राह्मण ने गवाह के तौर पर “बांके बिहारी वल्द वासुदेव, बांके बिहारी मंदिर वृंदावन“ लिखवा दिया।

गवाही के दिन भगवान कृष्ण एक बूढ़े व्यक्ति का रूप रखकर आये और यह बताया कि कब-कब रकम वापस की गई थी। जब जज ने सेठ का बहीखाता देखा तो गवाही सच निकली। रकम दर्ज थी और नाम फर्जी डाला गया था। जब जज को पता चला कि स्वयं बांके बिहारी जी गवाही देने आये थे। तो वह जज अपना घरबार और सब कुछ छोड़ भगवान को ढूंढने के लिए निकल गया और फकीर बन गया। जब वो कई साल बाद वृंदावन लौट कर आया, तो लोग उसे पागल बाबा के नाम से जानने लगे। इस मंदिर का निर्माण उन्ही ‘पागल बाबा’ ने करवाया था और यह मंदिर मॉडर्न वास्तुकला का उत्कृष्ट उदाहरण भी माना जाता है।

 

गोविन्द देव मन्दिर वृन्दावन

वृन्दावन के प्राचीन मंदिरों में गोविन्द देव मन्दिर एक प्रमुख स्थान रखता है। 2100 वर्ष पहले बनाया बने इस मंदिर की बेजोड़ कारीगरी के लिए लोग कहते हैं कि इतना सुंदर काम आदमी के वश का नहीं है। ऐसा काम तो भूत ही कर सकते है। इस मंदिर की भव्यता देखकर आप दातों तले उँगलियाँ दबा लेंगे। एक बार औरंगज़ेब ने शाम को टहलते हुए दूर दिखने वाली चमकती रोशनी के बारे जब पूछा तो उसे पता चला की यह रौशनी की चमक वृन्दावन के वैभवशाली मंदिर के ऊपर जलने वाले घी के दिए की है। तब इस मंदिर की 7 मंजिल हुआ करती थीं। औरंगजेब ने हमला करके तीन मंजिल तुड़वा दीं।

रंगनाथ मंदिर वृंदावन (श्री रंगजी मंदिर)

श्री रंगजी मंदिर वृंदावन का सबसे बड़ा मंदिर है। इस मंदिर में भगवान विष्णु, शेषनाग की शैया पर विश्राम करते हुए दर्शन देते है। 1851 बने इस मंदिर का निर्माण दक्षिण भारतीय शैली (द्रविड़ शैली) में हुआ है। इस मंदिर अंदर कई स्तंभ और उन स्तम्भ पर बहुत ही सुन्दर कलाकृतिया है। इस मंदिर में भगवान विष्णु के अलावा भगवान नरसिंह, देवी सीता, भगवान राम और भगवान लक्ष्मण, भगवान वेणुगोपाल और भगवान रामानुजैकार्य के दर्शन भी होते है। मंदिर के अंदर 50 फीट ऊँचा सोने का स्तम्भ बना है। रंगजी मंदिर का मुख्य आकर्षण वाहन और कांच महल है। इसमें रथयात्रा के सोने के पॉलिश किये हुए वाहन और प्रतिमाएं रखी है।

रंगनाथ मंदिर का समय (Timings)

गर्मी में – सुबह :- 5:30 AM – 10:30 AM, सांयकाल :- 4:00 PM – 9:00 PM

ठण्ड में – सुबह :- 6:00AM – 11:00PM, सांयकाल :- 3:30 PM – 8:30 PM

 

श्री गोपेश्वर महादेव मंदिर वृन्दावन

श्री गोपेश्वर महादेव मंदिर वृन्दावन के सबसे प्राचीन मंदिरों में से एक मंदिर है। एक दिन भगवान शिव ने श्री कृष्ण भगवान और गोपियों की रासलीला देखने के लिए एक गोपी का रूप धारण कर लिया और रास लीला में सम्मलित हो गए। श्री कृष्ण भगवान ने शिव को पहचान लिया। इस प्रकार वे गोपेश्वर नाम से वृन्दावन में स्थापित हो गये।

 

केसी घाट

वृंदावन के खूबसूरत घाटों में केसी घाट का अपना ही अलग महत्त्व है। यह घाट अपने प्राकृतिक सौंदर्य के कारण लोगो को अपनी ओर आकर्षित करता है। केसी के पवन घाट पर भगवान कृष्ण ने दुष्ट राक्षस केशी से युद्ध किया था और वृन्दावन वासियों को उसके अत्याचार से बचाया था। इस घाट पर कई प्रकार के छोट-बड़े मंदिर हैं। इस घाट पर यमुना में डुबकी लगाने से कई जन्मो के पाप धुल जाते है और पुण्य की प्राप्ति होती है।

 

शक्तिपीठ माँ चामुण्डा देवी मंदिर

वृन्दावन-मथुरा मार्ग पर स्थित माँ चामुण्डा देवी मंदिर, देवी सती 51 शक्तिपीठों में से एक है। इस स्थान पर देवी सती के केश गिरे थे। भगवान श्री कृष्ण ने कालिया नाग को मुक्ति देने के बाद यही पर माता चामुंडा के दर्शन किये थे। मां चामुण्डा नन्द बाबा की कुल देवी थी, सरस्वती कुंड में भगवान श्री कृष्ण का मुंडन कराने के बाद यहाँ पर उन्होंने माता चामुंडा की पूजा की थी। इस मंदिर में स्थित माँ चामुण्डा की प्रतिमा स्थापित नही की गई है, बल्कि वह स्वयं उत्पन हुई है।

 

इन प्रमुख मंदिरों के अलावा मदन मोहन मन्दिर, श्री राधा दामोदर मंदिर, श्री राधा रमन मंदिर, शाहजी मंदिर, सेवा कुंज, जयपुर मंदिर, मीरा मंदिर और श्री राधा रास बिहारी अष्ट सखी मंदिर वृन्दावन के मुख्य मंदिर है

 

वृंदावन के प्रसिद्ध व्यंजन

गायों की भूमि वृन्दावन अपनी मिठाइयों और दूध से बनी व्यंजनों के लिए भी प्रसिद्ध है। यहाँ की खोया मिठाई, सोएं पापड़ी, घेवर, लस्सी, लच्छेदार रवड़ी, राजभोग, पेड़ा, जलेबी और अन्य मिठाइयों का स्वाद आप जीवन भर भूल नहीं पाएंगे। यहाँ के लाजवाब चटपटे व्यंजनों में समोसा, कचौरी, पूरी-आलू, आलू टिक्की, खामन ढोकला, पोहे, टमाटर चाट खाने के बाद उनका स्वाद जीवन पर्यन्त आपकी जीभ पर रहेगा।

 

वृन्दावन में खरीदारी

वृन्दावन में हस्तशिल्प के सामान, भगवान कृष्ण के कपड़े और आभूषण, देवी-देवताओं के मंदिर, अष्टधातु से बनी प्रतिमाएं अधिकांश दुकानों में मिलते हैं। यहाँ आप अपने बच्चों को राधा-कृष्ण रूप में सजाने के लिए उनकी वेशभूषा (ड्रेस) ले सकते है। इसके अलावा ज्यादातर पूजा और प्रार्थना से संबंधित वस्तुएं, मोती की माला, पीतल की मूर्तियां और पूजा के लिए बर्तन मिलेंगे। इस वस्तुओं से आपका घर और मंदिर अधिक सुंदर बन जायेगा और वृन्दावन की यादें भी साथ रहेगी।

 

Dharamshalas in Vrindavan – वृंदावन में धर्मशालाओं की जानकारी, अच्छी और सस्ती धर्मशाला

 

Mathura Vrindavan Tourist Places In Hindi

मथुरा यात्रा का विवरण नीचे दिया गया है।

 

Dharamshala in Mathura – मथुरा में धर्मशालाओं की जानकारी, कम कीमत में अच्छी धर्मशाला

 

Places To Visit In Vrindavan For Couples

10 Best Places To Visit In Vrindavan

Adventure Places In Vrindavan

Places To Visit In Mathura And Vrindavan In One Day

Places To Visit In Mathura And Vrindavan In 2 Days

Places To Visit In Mathura And Vrindavan In 3 Days

Top 5 Places To Visit In Vrindavan

Vrindavan Places To Visit

Places To Visit In Vrindavan In One Day

Unique Things To Do In Vrindavan

Places To Visit In Vrindavan In Hindi
Vrindavan Tourist Places In Hindi
Vrindavan Places To Visit In Hindi
Tourist Facilitation Centre Vrindavan In Hindi
Places To Visit In Vrindavan In One Day In Hindi
Vrindavan Famous Places In Hindi
Places To Visit In Mathura Vrindavan In Hindi
Vrindavan Mathura Places To Visit In Hindi
Tourist Places In Vrindavan Mathura In Hindi
Best Places To Visit In Vrindavan In Hindi
Places To Visit Near Vrindavan In Hindi
Vrindavan Sightseeing In Hindi
Places To Visit In Vrindavan Except Temples In Hindi
Hidden Places To Visit In Vrindavan In Hindi
Vrindavan Tourist Places In Hindi In Hindi
Vrindavan Tourism In Hindi
Tourist Facility Centre Vrindavan In Hindi
Places To Visit Near Vrindavan Within 100 Km In Hindi
Vrindavan Best Places To Visit In Hindi
Tourist Places Near Vrindavan In Hindi
Mathura Vrindavan Tour By Bus In Hindi
Vrindavan Tour Guide In Hindi
Must Visit Places In Vrindavan In Hindi
Places To Visit Near Vrindavan Mathura In Hindi
Top Places To Visit In Vrindavan In Hindi
Visiting Places In Mathura Vrindavan In Hindi
Mathura Vrindavan Sightseeing In Hindi
Places Visit In Vrindavan In Hindi
Vrindavan Tour Places In Hindi
Mathura Vrindavan Famous Places In Hindi
Vrindavan Tourist Spot In Hindi
Things To Visit In Vrindavan In Hindi
Vrindavan Tourist Places List In Hindi
Vrindavan Visit In Hindi
Vrindavan Tourist Facilitation Centre In Hindi
Mathura Vrindavan Tourist Guide In Hindi
Mathura Vrindavan Tourist In Hindi
Best Visiting Places In Vrindavan In Hindi
Places Near Vrindavan To Visit In Hindi
Top 10 Places To Visit In Vrindavan In Hindi
Vrindavan Must Visit Places In Hindi
Tourist Places In Vrindavan In Hindi In Hindi
Mathura Vrindavan Best Places To Visit In Hindi
Vrindavan Travel Places In Hindi
Famous Places In Mathura Vrindavan In Hindi
Mandir To Visit In Vrindavan In Hindi
Visiting Places Near Vrindavan In Hindi
Tour Guide Mathura Vrindavan In Hindi
Vrindavan Local Sightseeing In Hindi
Places To Visit In Mathura Vrindavan And Agra In Hindi
Vrindavan Main Places To Visit In Hindi
Vrindavan Nearby Places To Visit In Hindi
Vrindavan Side Scene In Hindi
Important Places In Vrindavan In Hindi
Tourist Facility Centre Vrindavan Booking Online In Hindi
Best Temples To Visit In Vrindavan In Hindi
Most Visited Places In Vrindavan In Hindi
Best Tourist Places In Vrindavan In Hindi
Top 5 Places To Visit In Vrindavan In Hindi
Best Places Near Vrindavan In Hindi
Vrindavan Nearest Tourist Places In Hindi
Visit Mathura Vrindavan In Hindi
Vrindavan Visiting Places List In Hindi
Places To Visit In Vrindavan In 1 Day In Hindi
Vrindavan Dham Tourist Places In Hindi
Vrindavan Near Tourist Places In Hindi
Tourist Guide In Vrindavan In Hindi
Tourist Attractions In Vrindavan In Hindi
Vrindavan Sightseeing Places In Hindi
Places Of Interest In Vrindavan In Hindi
Vrindavan All Tourist Places In Hindi
Vrindavan Near By Places To Visit In Hindi
Must Visit Places In Mathura Vrindavan In Hindi
Visiting Places At Vrindavan In Hindi
List Of Places To Visit In Vrindavan In Hindi
Places To Visit Around Vrindavan In Hindi
Vrindavan Top 10 Places To Visit In Hindi
Best Places To Visit Near Vrindavan In Hindi
Best Places In Vrindavan To Visit In Hindi
Top 10 Tourist Places In Vrindavan In Hindi
Places To See Near Vrindavan In Hindi
Mathura Vrindavan Near Tourist Places In Hindi
Mathura & Vrindavan Tour Places In Hindi
Sightseeing Of Vrindavan In Hindi
Top Visiting Places In Vrindavan In Hindi
Mathura & Vrindavan Tourist Places In Hindi
Places Visit To Vrindavan In Hindi
Places To Visit In Mathura Vrindavan Barsana In Hindi
Places To Visit In Vrindavan Iskcon In Hindi
Vrindavan Spots To Visit In Hindi
Sightseeing Of Mathura & Vrindavan In Hindi
Vrindavan Sites To Visit In Hindi
Tourist Facilitation Center Vrindavan In Hindi
Tourist Facility Centre Vrindavan Online Booking In Hindi
Tourist Facility Center Vrindavan In Hindi
Vrindavan Sightseeing Tour In Hindi
Vrindavan Uttar Pradesh Tourism In Hindi
Must See Places In Vrindavan In Hindi
Up Tourism Mathura Vrindavan In Hindi
Up Tourism Vrindavan In Hindi
Important Places To Visit In Vrindavan In Hindi
Vrindavan Tourist Point In Hindi
Vrindavan Local Tour In Hindi
Mathura & Vrindavan Places To Visit In Hindi
Sightseeing At Vrindavan In Hindi
Tourist Attractions In Mathura Vrindavan In Hindi
Tourist Places Of Mathura Vrindavan In Hindi
Tourist Facilitation Vrindavan In Hindi
List Of Visiting Places In Vrindavan In Hindi
Tourist Spot In Mathura Vrindavan In Hindi
Places Of Interest In Mathura Vrindavan In Hindi
Vrindavan Sight Seeing In Hindi
Mathura Vrindavan Sightseeing Places In Hindi
Places To Visit In Agra Mathura Vrindavan In Hindi
Vrindavan Mathura Tourism In Hindi

 

One thought on “भगवान श्री कृष्ण की लीलाओं के धाम वृंदावन की यात्रा, मथुरा वृंदावन यात्रा – 2

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *