Gwalior Tourist Places – ग्वालियर में घूमने की जगह पहाड़, सुन्दर हरियाली, भव्य महल, खूबसूरत स्मारक और मंदिर

 

Tourist Places In Gwalior in Hindi
Tourist Spots In Gwalior In Hindi

 

ग्वालियर के दर्शनीय स्थल – ग्वालियर शहर मध्यप्रदेश राज्य के बेस्ट टूरिस्ट प्लेस में से एक है। ऐसा कहा जाता है की राजा सूरजसेन ने ग्वालियर शहर का निर्माण करवाया था। यह शहर अपने आप में एक अलग ही महत्व रखता है। इस शहर में देखने के लिए कई ऐतिहासिक और सांस्कृतिक जगह हैं। इस शहर की सुन्दरता, खूबसूरत स्मारक, महलो और मंदिरों की खूबसूरती की जितना ही तारीफ किया जाए उतनी ही कम हैं। इस शहर को देखने के लिए देश-विदेश से लोग आते हैं। इसके अलावा इस शहर में खूबसूरत पहाड़, सुन्दर हरियाली देखने को मिलती हैं।

 

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ग्वालियर टूरिस्ट प्लेस

 

तानसेन मकबरा, ग्वालियर

तानसेन मकबरा ग्वालियर के प्रमुख दर्शनीय स्थलों में से एक है। अकबर के दरबार के नौ रत्न थे जिनमे से एक तानसेन भी थे। तानसेन संगीत कला में निपुण थे। यह प्रसिद्ध संगीतकार में से एक थे। यही पर तानसेन का स्मारक है, जिसे तानसेन का मकबरा भी कहा जाता है। यह स्मारक ऐतिहासिकों में से एक है। इस मकबरे में तानसेन के शव को उनके गुरु मुहम्मद गौस के साथ यहां दफनाया गया है। ऐसा कहा जाता है कि तानसेन के संगीत में जादू था जो अपने संगीत से लोगो के मन को रोमांचित कर देते थे।

तानसेन मकबरा ग्वालियर टाइमिंग

सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक

तानसेन मकबरा ग्वालियर एंट्री फीस

निःशुल्क

 

ग्वालियर का किला, ग्वालियर

ग्वालियर का किला बहुत बड़ा है। ऐसा कहा जाता है की यह किला भारत के सबसे बड़े किलों में से एक है। यह किला अपनी वास्तुकला और अपने इतिहास के लिए प्रसिद्ध है। इस क़िले का निर्माण 8वीं शताब्दी में किया गया था जो तीन वर्ग किमी के क्षेत्र में फैला हुआ है और इस किले की ऊँचाई 35 फीट है। यह किला बहुत ही सुंदर है। इसलिए इस किले की सुन्दरता का तारीफ जितना ही कम किया जाए उतना ही कम हैं। इस किले का निर्माण लाल बलुआ पत्थर से किया गया है। इस किले के अंदर बनी वास्तुकला बहुत ही खूबसूरत है।

ग्वालियर का किला टाइमिंग

सुबह 7:00 बजे से शाम 5:30 बजे तक

ग्वालियर का किला एंट्री फीस

भारतीयों के लिए: 75 रु प्रति व्यक्ति

विदेशियों के लिए 250 रु प्रति व्यक्ति

 

तेली का मंदिर, ग्वालियर

तेली का मंदिर ग्वालियर के सबसे अच्छे पर्यटन स्थल के रूप में जाना जाता है। यह मंदिर बहुत ही पुराना है। यह मंदिर अपनी द्रविड़ वास्तुकला और खूबसूरत कलाकृति के लिए जानी जाती है। इस मंदिर में भगवान विष्णु जी मूर्ति है। भगवान विष्णु सवारी ‘गरुड़’ के रूप में समर्पित है। इस मंदिर का निर्माण 9वीं शताब्दी किया गया था। इस मंदिर को राजा मिहिर भोज द्वारा बनवाया गया था। इस मंदिर के बाहरी दीवारों पर विशेष रूप कुंडलित नागों, देवी-देवताओं की नक्काशी की गई है जो की देखने में बहुत ही खूबसूरत लगती है।

तेली का मंदिर ग्वालियर टाइमिंग

प्रातः 08:00 बजे से सायं 06:00 बजे तक

तेली का मंदिर ग्वालियर एंट्री फीस

₹ 20 प्रति व्यक्ति के लिए

 

सास बहू मंदिर, ग्वालियर

सास बहू मंदिर ग्वालियर के लोकप्रिय पर्यटन स्थल है। इस मंदिर को 1092 सन में बनवाया गया था जिसका निर्माण राजा महीपाल ने करवाया था। इस सास बहू मंदिर का दूसरा नाम भी है जिसे सहस्रबाहु मंदिर के नाम से जाना जाता हैं। भगवान विष्णु को एक हजार हाथों वाला दर्शाते हुए इसका नाम सहस्त्रबाहु रखा गया। इस मंदिर की मूर्तिकला तथा नक़्क़ाशी देखने लायक है जो की बहुत ही ख़ूबसूरत है। यह मंदिर यहाँ आने वाले पर्यटकों को अपनी तरफ आकर्षित भी करता है। इस मंदिर को 11वीं सदी में बनाया गया था।

सास बहू मंदिर ग्वालियर टाइमिंग

प्रातः 08:00 बजे से सायं 05:00 बजे तक

सास बहू मंदिर ग्वालियर एंट्री फीस

कोई एंट्री फीस नहीं

 

सूरज कुंड, ग्वालियर

सूरज कुंड ग्वालियर के मुख्य पर्यटन स्थल में से एक है। यह कुंड एक तालाब है जो ग्वालियर किले के नजदीक ही है। इस तालाब की एक  कहानी है जिससे इस कुंड की महत्व बढ़ जाती हैं। इस कुंड बहुत ही सुंदर और खूबसूरती से रखा गया हैं। इस तालाब का पानी एक दवाई की तरह काम करता है जो पुरानी बीमारियों को ठीक करता है। ग्वालियर के राजा सूरज सेन इस कुंड के पानी को पिया था। इस पानी को पीने के बाद वे अपने कोढ़ से ठीक हो गए थे। सूरज कुंड के आसपास का वातावरण काफी आकर्षक और अच्छी तरह से रखा गया है जहाँ पर्यटक भरपूर समय बिता सकते है। इस कुंड से सूर्यास्त और सूर्योदय के समय देखने का कुछ अलग ही आनंद है।

 

सूर्य मंदिर, ग्वालियर

सूर्य मंदिर ग्वालियर के बेस्ट पर्यटन स्थलों में एक है। यह मंदिर ग्वालियर शहर के प्रमुख दर्शनीय स्थलों में से एक है। इस मंदिर में हर साल बड़ी संख्या में पर्यटक घूमने के लिए आते हैं। इस मंदिर में सूर्य भगवान की एक भव्य मूर्ति है। इस मंदिर में शानदार वास्तुशिल्प की गयी है जो की देखने में बहुत ही खूबसूरत लगती हैं। इस मंदिर का बाहरी दीवारों को लाल बलुआ पत्थर से बनाई गयी है। जहाँ आप एक खूबसूरत फोटो शूट करवा सकते है। इस मंदिर के अंदर मूर्तियों को और भी अधिक खूबसूरत बनाने के लिए सफेद संगमरमर का उपयोग किया गया था।

सूर्य मंदिर ग्वालियर टाइमिंग

सुबह 6 बजे से दोपहर 12 बजे तक,

शाम 4 बजे से शाम 7 बजे तक

 

गोपाल पर्वत, ग्वालियर

गोपाल पर्वत ग्वालियर के टॉप पर्यटन स्थल में से एक हैं। गोपाचल पर्वत ग्वालियर किले के चारों ओर स्थित है। यहां पर जैन धर्मावलंबियों के तीर्थंकरों की एक से बढ़कर एक प्रतिमाएं देखने को मिलती हैं। गोपाचल पर्वत पर हज़ारों की संख्या में जैन प्रतिमाएं विराजमान हैं। गोपाचल पर्वत का मुख्य आकर्षण भगवान पार्श्वनाथ की पद्मासन प्रतिमा है। यह स्थान जैन मूर्तियों के समूहों के लिए प्रसिद्ध है। इस पर्वत को तराशकर यहां सन 1398 से 1536 के मध्य हजारों विशाल दिगंबर जैन मूर्तियां बनाई गई हैं।

 

पड़ावली और बटेश्वर, ग्वालियर

पड़ावली और बटेश्वर ग्वालियर के मुख्य पर्यटन स्थलों में एक है। ग्वालियर से लगभग 40 किलोमीटर की दूरी पर पदावली कई प्राचीन मंदिरों से युक्त एक शानदार किला है। इन मंदिरों की वास्तुकला गुप्तोत्तर और प्रारंभिक गुर्जर-प्रतिहार शैलियों को दर्शाती है। यह जोड़ों के लिए ग्वालियर में घूमने के लिए सबसे लोकप्रिय जगहों में से एक है। 200 हिंदू मंदिरों और उनके खंडहरों का एक समूह ऐतिहासिक गढ़ पड़ावली से घिरा हुआ है। इस स्थान को “छोटे खजुराहो” के रूप में भी जाना जाता है क्योंकि उनमें से एक में कामुक नक्काशी और मूर्तियां भी हैं।

पड़ावली और बटेश्वर ग्वालियर टाइमिंग

प्रतिदिन सुबह 9:30 बजे से शाम 5:30 बजे तक

पड़ावली और बटेश्वर ग्वालियर एंट्री फीस

15 रुपये प्रति व्यक्ति

 

सिंधिया संग्रहालय, ग्वालियर

सिंधिया संग्रहालय ग्वालियर के बेस्ट पर्यटन स्थलों में एक हैं। यह खूबसूरत  संग्रहालय जीवाजी राव सिंधिया को समर्पित हैं। यह संग्रहालय पांडुलिपियों, सिक्कों, चित्रों, हथियारों, मूर्तियों आदि के संग्रह के लिए प्रसिद्ध है। इस संग्रहालय का निर्माण यूरोपीय शैली में किया गया है और यह महल देखने में बहुत ही खूबसूरत लगता है। इस संग्रहालय का मुख्य आकर्षण यहाँ के डाइनिंग एरिया में दिखाया गया कांच के फर्नीचर और मॉडल ट्रेन हैं। इसलिए यह संग्रहालय ग्वालियर के सबसे प्रसिद्ध पर्यटक आकर्षणों में से एक है।

सिंधिया संग्रहालय ग्वालियर टाइमिंग

बुधवार को छोड़कर, सुबह 10:00 बजे से शाम 5:30 बजे तक

सिंधिया संग्रहालय ग्वालियर एंट्री फीस

प्रति व्यक्ति 30 रुपये

 

सरोद घर, ग्वालियर

सरोद घर ग्वालियर के सबसे अच्छे पर्यटन स्थलों में से एक है। सरोद घर को एक संगीत संग्रहालय के रूप में माना जाता है। इस संग्रहालय में पुराने समय के कुछ संगीत वाद्ययंत्र रखे गए हैं। यहां पर’ आपको शास्त्रीय संगीत के बारे में बहुत कुछ जानने को मिल सकता है। अगर आप ग्वालियर घूमने आए है तो इस प्रसिद्ध संग्रहालय में घूमने के लिए जरुर जाएँ। आप यहाँ पर संगीतकारों के ऐतिहासिक रिकॉर्ड और तस्वीरें को भी देख सकते हैं। यह जगह पर्यटकों के घूमने के लिए सबसे अच्छी जगहों में से एक है।

सरोद घर ग्वालियर टाइमिंग

सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक (रविवार को बंद)

सरोद घर ग्वालियर एंट्री फीस

20 रुपये (भारतीय), 100 रुपये (विदेशी)

 

ग्वालियर की अन्य घूमने लायक जगह

इन सब के अलावा भी ग्वालियर में घूमने के लिए कई आकर्षित जगह है, जहां घूम सकते है। ग्वालियर चिड़ियाघर, ग्वालियर व्यापार मेला, पाटनकर बाजारी, रानी लक्ष्मीबाई समाधि, रूप सिंह स्टेडियम, रानी लक्ष्मी बाई समाधि स्थल, तिघरा बांध, चौसठ योगिनी मंदिर, राष्ट्रीय चंबल अभ्यारण, तानसेन का मकबरा, बीर सिंह पैलेस, बटेश्वर मंदिर, सराफ़ा बाज़ार, मोती महल जैसी जगहें है जहाँ आप घूम सकते है।

 

ग्वालियर में रुकने की जगह

ग्वालियर ऐतिहासिक शहर में घूमने के लिए जा रहे हैं तो रुकने के लिए अनेकों होटल, लॉज और रिसॉर्ट उपलब्ध है। फूल बाग और रेलवे स्टेशन के आसपास रहने के लिए कम बजट में बहुत सी संख्या में होटल मिल जायेंगे। फूल बाग और रेलवे स्टेशन से ग्वालियर का किला काफी नजदीक पड़ता है। ग्वालियर में ठहरने के लिए आपको होटल 800 से 1500 रुपए के बीच अच्छी सुविधाओं वाला मिल जायेगा। आप चाहें तो अच्छा होटल ऑनलाइन सर्च करके बुक कर सकते है। इसके अलावा आपको यहाँ ठहरने के लिए धर्मशालाऐ भी मिल जाएगी।

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ग्वालियर में शॉपिंग

ग्वालियर शहर अपने ऐतिहासिक स्मारकों के अलावा अपने खूबसूरत बाजारों के लिए भी जाना जाता हैं। ग्वालियर में आधुनिक ढंग के ढेरों मॉल बने हुए हैं। यहाँ से आप स्थानीय हस्तशिल्प और लोकप्रिय चंदेरी रेशम साड़ियों सहित कई प्रकार की वस्तुओं की खरीदारी कर सकते हैं। शहर का पाटनकर बाजार उत्तम लाह के बर्तन, दीवार पर लटकने वाले सामान, आभूषण, हाथ से बुने हुए कालीन और गुड़िया खरीदने के लिए सबसे अच्छी जगह है। यहाँ से पर्यटक अपने पसंद की चीजो को खरीद सकते है।

 

ग्वालियर के प्रसिद्ध स्थानीय भोजन

ग्वालियर शुद्ध शाकाहारी भोजन के लिए जाना जाता हैं। सुबह नास्ता में यहाँ के फेमस कचौरी, समोसा, पोहा, जलेबी और बेडई शामिल हैं। इसके अलावा स्वादिष्ट भोजन में कबाब, जलेबी, इमरती, रोगन जोश, भुट्टे की कीस, दाल बाफला, मावा-बाटी और मालपुआ आदि शामिल हैं।

 

ग्वालियर जाने का उचित समय

ग्वालियर आने वाले पर्यटकों की लाइन पूरे साल लगी रहती हैं लेकिन अक्टूबर से मार्च महीने का समय सबसे बेस्ट माना जाता हैं। पर्यटकों को गर्मी से बचने की सलाह दी जाती हैं। अक्टूबर से मार्च महीने में यहां का तापमान 4 डिग्री सेल्सियस से 21 डिग्री सेल्सियस तक रहता हैं।

 

ग्वालियर कैसे पहुँचे?

ग्वालियर भारत के सभी मुख्य शहरों से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। ग्वालियर का ट्रिप प्लान करने वाले पर्यटक फ्लाइट, ट्रेन, बस और अपने निजी साधन में से किसी का भी चुनाव कर सकते हैं। ग्वालियर पहुंचने का तरीका इस प्रकार है:-

 

ग्वालियर फ्लाइट से कैसे पहुँचे?

ग्वालियर जाने के लिए यदि आपने हवाई मार्ग का चुनाव किया हैं। तो ग्वालियर का निकटतम एयरपोर्ट ग्वालियर एयरपोर्ट है जो शहर के केंद्र से 8 किलोमीटर की दूरी पर हैं जो कि देश के प्रमुख शहरो से अच्छी तरह जुड़ा हुआ हैं। इस एयरपोर्ट से आप स्थानीय साधन के माध्यम से शहर में कही भी घूम सकते हैं।

 

रेल द्वारा ग्वालियर कैसे पहुँचे?

ग्वालियर शहर रेल मार्ग से बहुत अच्छी तरह से जुड़ा हुआ हैं। आप बहुत आसानी से ग्वालियर शहर पहुंच जाएंगे। ग्वालियर का अपना खुद रेल्वे स्टेशन से जहाँ से आप स्थानीय साधन की मदद ले सकते है। स्टेशन से उतरकर आप टैक्सी की माध्यम से आप हर जगह जल्दी और आसानी से पहुंच सकते हैं जहां आप जाना चाहते हो।

 

सड़क मार्ग से ग्वालियर कैसे पहुंचे?

ग्वालियर जाने के लिए सबसे अच्छा विकल्प बस हो सकता हैं। राज्य परिवहन की बस के माध्यम से ग्वालियर राज्य के अन्य हिस्सों से बहुत अच्छी तरह से जुड़ा हुआ हैं। राज्य बसें, डीलक्स बसें, पर्यटक बसें और निजी बसें ग्वालियर जाने के विकल्पों में से हैं।

 

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