Jabalpur Tourist Places – जबलपुर में घूमने की जगह झरनों के विहंगम दृश्य, आकर्षिक घाट, ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहर

 

Jabalpur Me Ghumne Ji Jagah

Jabalpur Tourism In Hindi

 

Jabalpur Tourist Places – जबलपुर शहर मध्यप्रदेश राज्य का खूबसूरत पर्यटन स्थल हैं। यह शहर नर्मदा नदी के तट पर बसा हुआ हैं। यह शहर अपने आकर्षित घाटों, झरनों, ऐतिहासिक और सांस्कृतिक बनावट की शानदार चमक और पर्यटन स्थलों के कारण यहां आने वाले पर्यटकों के लिए यह एक बेस्ट डेस्टिनेशन बन गया है। यह शहर कई पर्यटन स्थलों से भरा हुआ है। यह शहर अपने समृद्ध इतिहास और अपनी संस्कृति के कारण पूरे भारत में प्रसिद्ध है। अगर आप अपने छुट्टी के दिनों में ऐसी जगहों पर जाना चाहते हो हैं, जहां आप पूरे परिवार के साथ मौज मस्ती के साथ कुछ कीमती समय बिता सके। तो जबलपुर आपके लिए बेस्ट जगह हो सकता हैं।

 

जबलपुर टूरिस्ट प्लेस

 

धुआंधार जलप्रपात, जबलपुर

धुआंधार जलप्रपात जबलपुर का लोकप्रिय पर्यटन स्थल हैं। यह जलप्रपात नर्मदा नदी पर हैं। इस जलप्रपात का पानी 30 मीटर की ऊंचाई से नीचे गिरता है जिससे इसके आसपास उड़ने वाले पानी की वजह से धुंध जैसी फैल जाती हैं, इसलिए इसे धुआंधार जल प्रपात कहा जाता हैं। यह धुआंधार जलप्रपात पर्यटकों के बीच काफी लोकप्रिय है और जबलपुर आने वाले लोगो के लिए एक आकर्षक का केंद्र बना हुआ है। इस झरने में आप केबल कार का आनंद भी उठा सकते है। इसके अलावा यह जगह पिकनिक मनाने के लिए भी एक बहुत अच्छी जगह है। लगभग यह झरना जबलपुर शहर से 24 किमी की दूरी पर है।

धुआंधार जलप्रपात जबलपुर टाइमिंग

सुबह 6:00 बजे से लेकर रात के 8:00 बजे तक

धुआंधार जलप्रपात जबलपुर एंट्री फीस

केबल कार के लिए 100 रु

 

भेड़ाघाट, जबलपुर

भेड़ाघाट जबलपुर के प्रमुख पर्यटन स्थलों में से एक है। यह जगह जबलपुर से लगभग 25 किलोमीटर दूर है। यह घाट संगमरमरी चट्टानों के बीच के है। यह घाट नर्मदा नदी के किनारे स्थित है यहाँ की खूबसूरती पर्यटकों को अपनी तरफ आकर्षित करती है। अगर आप जबलपुर घूमने जा रहे है तो भेड़ाघाट अवश्य घूमे। यह जगह बहुत ही आकर्षक है। यह घाटी ऊंची संगमरमर की चट्टानों के लिए प्रसिद्ध है। इस जगह पर कई फिल्मो का शूटिंग किया गया है इसलिए यह स्थान और ज्यादा फेमस हो गया है।

 

मदन महल किला, जबलपुर

मदन महल किला जबलपुर के प्रमुख पर्यटन स्थलों में एक है। जबलपुर में एक चट्टानी पहाड़ के ऊपर यह किला स्थित है। इस किले का निर्माण 1116 में राजा मदन शाह द्वारा करवाया गया था। इस शहर पर उस समय राजा मदन शाह का ही शासन हुआ करता था। इस किले के चारों तरफ जबलपुर शहर का खूबसूरत नजारा दिखाई पड़ता हैं। अगर आप इस किला पर घूमने के लिए जा रहे है इस जगह पर बहुत ही शांति मिलती है जो पर्यटकों को अपनी तरफ आकर्षित करता है। इस किले तक जाने के लिए आपको 200 से 250 सीढ़ियां चढ़नी पड़ेगी। इस किले तक जाने वाले रास्ते पर चलना बहुत रोमांचक का अनुभव है, जिसके दोनों तरफ ऊँचे-ऊँचे पेड़ और चट्टानें देखने को मिलते हैं।

मदन महल किला जबलपुर टाइमिंग

सुबह 07:00 बजे से शाम 06:30 बजे तक

मदन महल किला जबलपुर एंट्री फीस

कोई एंट्री फीस नहीं

 

शिव मंदिर कचनार, जबलपुर

शिव मंदिर कचनार जबलपुर शहर के प्रमुख दर्शनीय स्थलों में से एक है। यह मंदिर जबलपुर शहर के बीच में स्थित है। ये मंदिर भगवान शिव को समर्पित है। इस मंदिर के गर्भ गृह है जिसके अंदर भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंग की स्थापना की गई है। इस मंदिर में भगवान शिव की 76 फीट लंबी भव्य प्रतिमा भी है। यह प्रतिमा खुले आसमान के नीचे गुफा में बनाई गई है। इस मंदिर का नजारा बहुत ही लुभावना है। भगवान शिव की प्रतिमा पर जटाओं से गिरता पानी बड़ी संख्या में पर्यटकों को आकर्षित करता है।

शिव मंदिर कचनार जबलपुर टाइमिंग

सुबह 7 बजे से रात 8 बजे तक

शिव मंदिर कचनार जबलपुर एंट्री फीस

कोई एंट्री फीस नहीं

 

बरगी डेम, जबलपुर

बरगी डेम जबलपुर का बहुत ही खूबसूरत सा जगह है। यह डैम जबलपुर के नर्मदा नदी पर बना हुआ है। इस डैम के आसपास का वातावरण  बहुत ही शांति मिलती है। इसी वजह के कारण यह जबलपुर एक प्रमुख पर्यटन स्थल बन चुका है। इसकी बढ़ती लोकप्रियता वजह से यहां पर अधिकारियों ने पर्यटकों के लिए नाव की सवारी की भी परमिशन दे रखी है। इस बांध का उपयोग सिंचाई परियोजनाओं और बिजली उत्पादन के लिए किया जाता हैं। साथ ही साथ पर्यटन के लिए भी यह बांध बहुत खास हैं। नौका सवारी जैसी गतिविधियां यहां देखने को मिलती हैं।

 

64 योगिनी मंदिर, जबलपुर

योगिनी मंदिर जबलपुर के प्रमुख दर्शनीय स्थलों में एक है। यह एक हिंदू मंदिर है जो जबलपुर के पास भेड़ाघाट में स्थित है। इस मंदिर की दूरी जबलपुर से 21 किमी है। यह जगह देश के सबसे पुराने ऐतिहासिक स्थलों में से एक है, जिसे 10 वीं शताब्दी में कलचुरियों द्वारा निर्माण किया गया था। इस मंदिर में भगवान शिव और देवी पार्वती को मूर्तिया है। लेकिन अब यह मंदिर एक खंडहर जैसा दिखता है। खंडहर हो जाने के बाद भी यह जगह पर्यटकों के के बीच लोकप्रिय है। इस मंदिर में 150 सीढ़ियों है इन सीढ़ियों से चलकर ही आप मंदिर के द्वार तक पहुंच सकते हैं।

योगिनी मंदिर जबलपुर टाइमिंग

सुबह 7 बजे से रात 8.30 बजे तक

योगिनी मंदिर जबलपुर एंट्री फीस

कोई एंट्री फीस नहीं

 

माँ नर्मदा जी की महाआरती, जबलपुर

बनारस और हरिद्वार जैसी महाआरती जबलपुर के गोरी घाट में शाम की  ठीक 7:30 बजे शुरू होती है। ग्वारीघाट में होने वाली माँ नर्मदा जी की यह महा आरती अपने आध्यात्मिक अनुभव के लिए देखने लायक होती है। रोज शाम हजारों की संख्या में नर्मदा भक्त यहां पहुंचकर आरती का हिस्सा बनते हैं आरती समाप्त होने के बाद, ये दीप दान (दीप दान – एक विशेष पत्ते से बना एक छोटा पात्र होता है जिसमें फूल भरे होते हैं और बीच में एक मोमबत्ती लगाई जाती है जिसे जलाकर तैराया जाता है) नदी में प्रवाहित करके किया जा सकता है। समारोह के बाद कोई भी शेयरिंग के आधार पर एक छोटी नाव की सवारी का आनंद ले सकता है, जिसका शुल्क प्रति व्यक्ति 50/- रुपये है।

 

रानी दुर्गावती संग्रहालय, जबलपुर

रानी दुर्गावती संग्रहालय जबलपुर के सबसे अच्छे पर्यटन स्थल के रूप में जाना जाता हैं। जबलपुर जंक्शन यह संग्रहालय 2 किमी की दूरी पर है। यह संग्रहालय भी पर्यटकों को बहुत अधिक आकर्षित करता हैं। इस संग्रहालय में महात्मा गांधी के कुछ तस्वीरे और चौसठ योगिनी मंदिर की मूर्तियों को भी रखा गया हैं। यहां पर आदिवासी संस्कृति और उनकी कलाकृतियों की झलक देखने को मिलती है। इस संग्रहालय की शिलालेख गैलरी में 5वीं से 12वीं शताब्दी ईस्वी के दुर्लभ शिलालेखों का संग्रह को भी रखा गया है।

रानी दुर्गावती संग्रहालय जबलपुर टाइमिंग

सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक, सोमवार को बंद

रानी दुर्गावती संग्रहालय जबलपुर एंट्री फीस

भारतीयों के लिए 10रु और विदेशियों के लिए 100 रु

 

बैलेंसिंग रॉक, जबलपुर

जबलपुर में एक बैलेंसिंग रॉक एक प्रसिद्द पर्यटन स्थल के रूप में जाना जाता हैं। है। यहां पर एक बड़ी सी चट्टान के ऊपर एक दूसरी चट्टान रखी हुई है, जिसका बैलेंस ऐसा कि बड़े से बड़े भूकंप के झटके भी इसे आज तक नहीं हिला पाया है। इसे देखने से ऐसा लगता है जैसे ये किसी भी वक्त गिरने वाली है इसके इसी रहस्य को देखने के लिए यहां बड़ी संख्या में पर्यटक आते हैं। कई विशेषज्ञों ने इसके रहस्य को सुलझाने की कोशिश की है और उनका जवाब है कि यह गुरुत्वाकर्षण बल के कारण यह टिकी हुई है।

 

भवरताल गार्डन, जबलपुर

भवरताल गार्डन जबलपुर के बेस्ट पर्यटन स्थलों में एक है। यह पार्क जबलपुर में एक बेस्ट पिकनिक जगह के लिए भी जाना जाता हैं। यह जबलपुर का सबसे बड़ा उद्यान है। इस पार्क की प्राकृतिक खूबसूरती हर किसी को मनमोहित करता है। यह गार्डन पर्यटकों के बीच बहुत ही लोकप्रिय है क्योंकि इस पार्क में झूले, टॉय ट्रेन और चारों तरफ हरियाली से भरपूर है। शाम के समय आप यहां अपने दोस्तों और बच्चों के साथ जाकर कुछ समय बिता सकते है। यह पार्क जबलपुर शहर के लोगों के लिए और यहाँ आने वाले पर्यटकों को अपनी तरफ आकर्षित करता है।

भवरताल गार्डन जबलपुर टाइमिंग 

प्रातः 10:00 बजे सायं 6:00 बजे

भवरताल गार्डन जबलपुर एंट्री फीस

प्रति व्यक्ति के लिए 20 रु

 

श्री विष्णु वराह मंदिर, जबलपुर

श्री विष्णु वराह मंदिर जबलपुर का प्रमुख दर्शनीय स्थल हैं। यह मंदिर जबलपुर जिले के मझौली नामक गांव में हैं। यह मंदिर हिंदू के सबसे लोकप्रिय मंदिरों में से एक हैं। इस मंदिर में भगवान श्री कृष्ण के वराह रूप को दिखाया गया है। जब भगवान श्री कृष्ण ने पहली बार मानव रूप में धरती पर अवतार लिया था। लेकिन उनका आधा हिस्सा मानव था और आधा हिस्सा वराह का था, इसीलिए इन्हे वराह कहा गया। इस मंदिर में वराह अवतार की मूर्ति के पीछे एक हाथी को भी दिखाया गया है, जो भगवान विष्णु का वराह रूप को प्रदर्शित करता है।

श्री विष्णु वराह मंदिर जबलपुर टाइमिंग

सुबह 7:00 बजे से रात 8:30 बजे तक

श्री विष्णु वराह मंदिर जबलपुर एंट्री फीस

कोई प्रवेश शुल्क नहीं

 

संग्राम सागर झील, जबलपुर

संग्राम सागर झील जबलपुर में घूमने के लिए सबसे अच्छी जगहों में से एक है। यह झील जबलपुर में स्थित एक प्राचीन झील है। यह झील जबलपुर का एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल है। यह झील अपने खूबसूरती के कारण बहुत ही प्रसिद्ध है। यहां आप मछली पकड़ने का भी आनंद ले सकते हैं। इस झील के आसपास की खुली हवा के बीच बैठ कर कुछ शांति के पल गुजार सकते हैं। यह झील प्रवासी पक्षियों और अद्वितीय जलीय जीवों के आवास के रूप में भी जाना जाता है। यह झील बाजनामठ किले के पास स्थित हैं।

संग्राम सागर झील जबलपुर टाइमिंग

सुबह 8 बजे से शाम 5 बजे तक

संग्राम सागर झील जबलपुर एंट्री फीस

कोई प्रवेश शुल्क नहीं

 

कान्हा राष्ट्रीय उद्यान, जबलपुर

कान्हा राष्ट्रीय उद्यान जबलपुर का प्रमुख राष्ट्रीय उद्यान है। यह उद्यान मध्य प्रदेश का सबसे बड़ा राष्ट्रीय उद्यान है। इस उद्यान को 1 जून 1955 को राष्ट्रीय उद्यान का दर्जा मिला है और इसे 1973 में बाघ अभ्यारण घोषित किया गया। यह पार्क बाघों को देखने के लिए भारत के सबसे अच्छे अभ्यारणों में से एक माना जाता है। इस नेशनल पार्क को एशिया बेस्ट पार्कों में से एक माना जाता है। यह राष्ट्रीय उद्यान अपने प्राक्रतिक सुंदरता से यहाँ आने वाले पर्यटकों को आकर्षित कर देता है। यह राष्ट्रीय उद्यान 940 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैला हुआ है।

कान्हा नेशनल पार्क में सफारी टाइमिंग

सुबह 6 बजे से 11 बजे तक और

दोपहर 3 से शाम 6 बजे तक

 

जबलपुर की अन्य घूमने लायक जगह

इन सब के अलावा भी जबलपुर में घूमने के लिए कई आकर्षित जगह है, जहां घूम सकते है। ग्वारीघाटी, तिलवारा नर्मदा घाट, घूघरा जलप्रपात, वर्ल्ड वाटर पार्क, हनुमंतल जैन मंदिर, जबलपुर गुरुद्वारा, डुमना नेचर रिजर्व पार्क, त्रिपुर सुंदरी मंदिर, बैलेंसिंग रॉक, भेड़ाघाट मार्बल रॉक, पचमठा मंदिर,  कंकाली देवी मंदिर, पिसनहारी की मढ़िया जैसी खूबसूरत जगहें है जहां घूम सकते है।

 

जबलपुर में शॉपिंग

जबलपुर में खरीदारी करने के लिए बहुत कुछ हैं यहां कि पत्थर की मूर्तियां और स्मृति चिन्ह को भेड़ाघाट से खरीदा जा सकता हैं। इसके अलावा जबलपुर में कई मॉल और खूबसूरत मार्केट हैं जहां से आप दुनियाभर की खरीददारी कर सकते हैं। लकड़ी के उत्पाद, जूट शिल्प, चांदी, चंदेरी और माहेश्वरी साड़ियों की खरीदारी के लिए बहुत कुछ है। यह ज़रदोज़ी कढ़ाई और पीतल के बर्तनों के लिए भी प्रसिद्ध है।

 

जबलपुर के प्रसिद्ध स्थानीय भोजन

जबलपुर बेस्ट डेस्टिनेशन के लिए ही नहीं बल्कि स्ट्रीट फूड के लिए भी जाना जाता है। अगर आप जबलपुर घूमने जा रहे है तो आप यहाँ के स्वादिस्ट डिस को चखना न भूले। यहाँ के स्थानीय व्यंजनों में मसालेदार और स्वादिष्ट कबाब शामिल हैं। यहाँ के फेमस फूड्स की बात करे तो यहां सीक कबाब, साबूदाना की खिचड़ी, मालपुआ, मालपुआ और रबड़ी यहां की स्वादिष्ट स्वीट डिश है।

 

जबलपुर जाने का उचित समय

वैसे तो यह शहर सालों भर पर्यटकों का स्वागत करता है। जबलपुर जाने के लिए सबसे अच्छा समय सितंबर से फरवरी महीने का माना जाता हैं। इस दौरान यहां का तापमान लगभग 10 डिग्री सेल्सियस से 27 डिग्री सेल्सियस तक रहता हैं। हालाकि यहां के धुआंधार जल प्रपात को देखने के लिए मानसून के मौसम में भी पर्यटक भारी संख्या में जाते हैं।

 

जबलपुर कैसे पहुँचे?

जबलपुर मध्य प्रदेश राज्य का ऐसा शहर है जो सभी तरह के साधन के लिए अच्छा मार्ग उपलब्ध कराता है। जबलपुर जाने वाले पर्यटक फ्लाइट, ट्रेन और बस में से किसी का भी चुनाव कर सकते हैं। आप अपनी सुविधानुसार किसी भी मार्ग से जा सकते  हैं। जबलपुर पहुंचने का तरीका इस प्रकार है:-

 

जबलपुर फ्लाइट से कैसे पहुँचे?

जबलपुर शहर के केंद्र से लगभग 20 किलोमीटर की दूरी पर जबलपुर का डुमना एयरपोर्ट स्थित हैं। जो देश प्रमुख शहरो से बहुत अच्छी तरह से जुड़ा हुआ हैं। जबलपुर एयरपोर्ट पर आने के बाद पर्यटक टैक्सी लेकर जबलपुर शहर के किसी भी स्थान पर जा सकते है।

 

रेल द्वारा जबलपुर कैसे पहुँचे?

आप ट्रेन के द्वारा भी आपनी यात्रा आसानी से कर सकते हैं। जबलपुर रेलवे स्टेशन देश के प्रमुख शहरों से रेलवे लाइन के द्वारा बहुत अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। जबलपुर जंक्शन जाने के लिए बहुत सारे शहरों से ट्रेन की सुविधा उपलब्ध कराई जाती है। इसके अलावा जबलपुर में दुसरा मदन महल रेलवे स्टेशन है।

 

सड़क मार्ग से जबलपुर कैसे पहुंचे?

बस द्वारा जबलपुर पहुंचना चाहते हैं तो जबलपुर में दीन दयाल बस स्टैंड के लिए सीधा सड़क मार्ग उपलब्ध है। पड़ोसी राज्यों से निजी और राज्य परिवहन की बसे मुख्य रूप से यातायात के साधन है। कई शहरों से जबलपुर के लिए सरकारी और प्राइवेट बसें उपलब्ध हैं। इसके अलावा आप ख़ुद के वाहन से भी आराम से जा सकते हैं।

 

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